हिंदी कहानियां - भाग 215
सपने के अंदर सपना
सपने के अंदर सपना अयान सकते में था। भला यह कैसे हो सकता है! वह अपने एक स्कूल टीचर रेड्डी सर के घर में उनके ठीक सामने बैठा उनसे बातें कर रहा था। वही रेड्डी सर, जिन्होंने एक दिन पहले उसे पूरी क्लास के सामने डांट लगाई थी। वही रेड्डी सर, जिन्हें फिजिक्स का क्वेश्चन पेपर सेट करना था। वही रेड्डी सर, जिनसे उसे थोड़ा-थोड़ा डर लगता था। अयान रेड्डी सर से बातें भी कर रहा था और खुद के उनके घर पर होने को लेकर हैरान भी था। अचानक उसे पता नहीं क्या सूझा, उसने सर के हाथ की बीच की उंगली का नाखून ऐसे दबाया, जैसे कि वह कोई बटन हो। उसके ऐसा करते ही सब-कुछ घूमने लगा, ठीक वैसे, जैसे वॉशिंग मशीन में कपड़े घूमते हैं। कुछ मिनट बाद जब यह हलचल थमी तो अयान और रेड्डी सर, दोनों गहरी नींद में सो चुके थे। कुछ पलों के लिए अंधेरा छाया और फिर दोनों की नींद टूटी। अयान की हैरानी का ठिकाना नहीं था, क्योंकि रेड्डी सर के माथे पर एक-एक करके हरे रंग की चमकदार लाइट में फिजिक्स के सवाल लिख कर आ रहे थे। अयान को समझते देर न लगी कि ये वही सवाल हैं, जो एग्जाम में आने वाले हैं। उसने तुरंत जेब से पापा का स्मार्टफोन निकाला और एक-एक कर सवालों के स्क्रीनशॉट लेने लगा। रेड्डी सर उसे ऐसा करने से मना कर रहे थे, पर अयान ऐसा मौका अपने हाथ से नहीं जाने देना चाहता था। सर के कई बार मना करने के बावजूद अयान ने उनकी एक न सुनी। जब आखिरी सवाल का स्क्रीनशॉट लेने के बाद अयान ने रेड्डी सर की तरफ देखा तो उनके चेहरे पर एक मुस्कान थी। उसने पूछा,‘आप मुस्करा क्यों रहे हैं?’ सर ने जवाब दिया, ‘तुम्हारे पास एग्जाम में आने वाले सारे सवालों की लिस्ट तो है, पर यह किसी काम की नहीं है।’ अयान ने पूछा, ‘क्यों? मैं कल की छुट्टी में इन्हीं सवालों के जवाब तैयार कर लूंगा। फिर मुझे कौन रोक पाएगा फिजिक्स में टॉप करने से?’ ‘क्योंकि यह कोई हकीकत नहीं, बल्कि सपना है। वह भी आम सपना नहीं, बल्कि सपने के अंदर सपना है। यानी कि अभी तुम सपने के दूसरे स्तर पर हो। तुम चाह कर भी इससे बाहर नहीं जा सकते।’ अयान को काटो तो खून नहीं। ‘यह कैसे हो सकता है? ऐसा तो मैंने एक हॉलीवुड फिल्म में देखा था। और अगर है भी तो, तो... मैं अभी सो जाता हूं। जब उठूंगा तो इस सपने से बाहर आ जाऊंगा। स्क्रीनशॉट तो मेरे फोन में है ही।’ ऐसा कहकर अयान सोने की कोशिश करने लगा, पर रेड्डी सर की हंसी के चलते उसे चाह कर भी नींद नहीं आ रही थी। वह बहुत लाचार महसूस कर रहा था। अयान पढ़ाई में अच्छा था, लेकिन फिजिक्स में कुछ कमजोर था। रेड्डी सर का दिमाग पढ़कर हासिल किए गए सवालों की लिस्ट उसे फिजिक्स में टॉप करने का एक आसान रास्ता लग रही थी, पर ऐसा करने के लिए उसे इस सपने से बाहर आना था। और ऐसा हो नहीं पा रहा था। तभी उसे अपनी योगा क्लास में सीखा गया ध्यान लगाने का तरीका याद आया। उसने तुरंत ही आंखें बंद कीं, ध्यान लगाया और कुछ ही मिनट बाद वह गहरी नींद में था। पर यह क्या, जब उसकी आंख खुली तो वह एक बार फिर से रेड्डी सर के घर में था। उसने माथा पीट लिया। ‘तो यह सच है! मैं सचमुच एक सपने के अंदर सपना देख रहा हूं!’ एक बार फिर अयान ध्यान लगाने की कोशिश करने लगा, पर इस बार रेड्डी सर के घर में इतना शोर था कि वह ध्यान नहीं लगा पाया। खीझ से उसकी आंखें भर आईं। तभी अचानक एक तेज आवाज ने उसे और रेड्डी सर- दोनों को चौंका दिया। इस बार उसने खुद को अपने घर के बिस्तर पर पाया। आवाज अलार्म घड़ी की थी। उसके हाथ में था मशहूर कवि एडगर एलन पो की कविता ‘ए ड्रीम विदिन ए ड्रीम’ का प्रिंटआउट और सामने टीवी स्क्रीन पर चल रही थी एक हॉलीवुड फिल्म, जिसमें हीरो खास मकसद से सपने के अंदर सपना और उस दूसरे सपने के अंदर एक और सपना देखता है। इस दौरान वह एक दूसरे व्यक्ति के दिमाग से जानकारियां चुराता है। अब अयान को सारा माजरा समझ में आया। उसने स्मार्टफोन तलाशने के लिए अपनी जेब में हाथ डाला, पर फिर देखा कि वह तो सामने मेज पर रखा हुआ था। सपनों के कई स्तरों वाली इस फंतासी के बारे में सोचते-सोचते कब वह खुद ही इसमें डूब गया, उसे पता ही नहीं चला। उसे अपनी सोच पर हंसी आ गई और यह सोचकर तो और भी हंसी आई कि जब वह रेड्डी सर को इस सपने के बारे में बताएगा तो वह कितना हंसेंगे। उसने मम्मी को आवाज लगाई, ‘मम्मी, जल्दी से नाश्ता लगा दीजिए। मुझे आज दिन भर फिजिक्स के एग्जाम की तैयारी करनी है।’